कोविड-19 | कोविड 19 शाप या वरदान |


कोविड-19 | कोविड 19 शाप या वरदान |

कोविड -19 एक वैश्विक महामारी है।  कोविड -19 विषय पर संक्षिप्त चर्चा करते है - 

 



बीमारी 

आज भारत सहित लगभग सम्पूर्ण विश्व कोविड-19 महामारी से गुजर रहा है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मानव जीवन महामारी से संकट में है। फ्लू, एचआईवी-एड्स, द ब्लैक डेथ, हैजा, प्लेग जैसी महामारी में भी इंसान ने अपनी जान गंवायी है। उत्पन्न महामारियों में निःस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देकर बलिदान हुये नायकों को पवित्र आत्मा से श्रद्धाजंलि अर्पित की गयी होगी। एक बार फिर आज दुनिया ने मानव जाति को "रत्न" कहकर ईंशानियत का जो परिचय दिया है उससे निःसंदेह आपका मन आनन्दित हो उठा होगा। किन्तु आश्चर्य इस बात का है कि एक तरफ विज्ञान का अपहरण करके दुनिया ने चन्द्रमा पर घर बना लिया, देश के लिए महाप्रलयकारी भयंकर अस्त्र-सस्त्र बना लिया है।  दूसरी तरफ दुनिया की लापरवाही से विज्ञान ने आज तक मानव जीवन की सम्पूर्ण रक्षा की जिम्मेदारी कभी भी नही ली है। इसका आंकलन करना मुश्किल है कि कोविड-19 आज के युग की दुनिया के लिए शाप है या वरदान। विज्ञान इस महामारी में मानव जीवन की रक्षा करने में यदि कामयाब हो जाता है तो निःसंदेह कोविड-19 मानव जाति एवं हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए वरदान साबित होगा। फलस्वरूप दुनिया को अपने स्वभाव, अपनी नीतियों में परिवर्तन करने के लिए मजबूर होना ही पड़ेगा। दुर्भाग्यपूर्ण अगर ऐसा नही होता है तो कोविड-19 दुनिया मे मानव जाति के लिए शाप बनकर ही रह जायेगा। कोविड-19 से सामाजिक,आर्थिक कार्यक्षेत्रों पर जो प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, उसकी भरपाई तो की जा सकती है किन्तु इससे हुई जन हानि की भरपाई बड़ी कीमत अदा करने पर भी नही की जा सकती। इसलिए हमें कोविड-19 से बचाव के सारे नियमों का ईमानदारी से पालन करना है। अति आवश्यक कार्य पड़ने पर ही सुरक्षा के साथ घर से बाहर निकलना है। हमारा कर्तव्य है कि हम समाज को कोविड-19 से बचाव के उपाय बताते हुये नियमों का अनुपालन करने का सुझाव बार-बार बताते रहे। यदि हम सम्पन्न व्यक्ति है तो कोविड-19 पीड़ित परिवार , सरकार की हमे सहायता करनी चाहिये। यदि हम कोविड-19 राहत एवं बचाव कार्यो में सेवाये दे रहे है तो हमें ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा का पालन कर एक अच्छे नागरिक होने का परिचय समाज को देना चाहिए। प्रतिकूल परिस्थितियों में इस प्रकार के कार्य करना किसी वरदान से कम नहीं हैं।

आशा करता हूँ आपको यह  संक्षिप्त पोस्ट अच्छी लगी होगी। 

                                                                                                                            ईश्वर तड़ियाल "प्रश्न"




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