स्वामी विवेकानंद | डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम | संक्षिप्त जीवनी| Short Autobiograpgy |
स्वामी विवेकानंद - गुरु के प्रति सम्मान , गुरु के प्रति अनन्य निष्ठा , भक्ति एवं सेवा का पाठ हमें स्वामी विवेकानंद से सीखने को मिलता है कि किस प्रकार उन्होंने अनन्य भाव से अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस कि गम्भीर बीमारी में भी अन्तिम क्षणों तक निःस्वार्थ सेवा की। स्वामी विवेकानंद ने अपने गुरु रामकृष्ण परमहंस की अनन्य भाव से बड़ी निष्ठा और सम्मान के साथ जो भक्ति और सेवा की वह इस संसार में बहुत ही कम देखने एवं सुनने को मिलता है।
स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में एक मध्यमवर्गी परिवार में हुआ था। अपनी स्नातक की पढाई पूर्ण करने के कुछ समय पश्चात स्वामी विवेकानंद ने ईश्वर की खोज में 25 साल की आयु में गेरुआ रंग धारण कर भारतवर्ष की पैदल यात्रा की। वह दर्शन, धर्म, इतिहास और सामाजिक विज्ञान के साथ -साथ हिंदू धर्म ग्रंथों जैसे वेद, उपनिषद,भगवत गीता, रामायण, महाभारत और पुराणों में विशेष रूचि के कारण एक महान ज्ञाता हुए। स्वामी विवेकानंद ने देश -विदेश में भ्रमण करते हुए वेद एवं उपनिषदो के माध्यम से भारतीय संस्कृति का प्रचार एवं प्रसार किया। 11 सितम्बर 1893 को अमेरिका के शिकागो शहर में एक विशेष धार्मिक सभा को उनके सम्बोधन (भाषण) ने पूरी दुनिया को प्रभावित कर दिया। उनके सम्बोधन ने वेदों की मौलिक विचारधाराओं और उनके आध्यात्मिक अर्थो आदि के बारे में पूरी दुनिया के लोगो को जागरूक करवाया । 4 जुलाई 1902 में महासमाधि में लीन होते हुए उन्होंने महज 39 वर्ष की आयु में अपना शरीर त्याग दिया ।

डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम - 15 अक्टूबर 1931 को तामिलनाडु के रामेश्वरम कस्बे में जन्मे भारत के महान वैज्ञानिक एवं देश के 11 वें राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता है। सादा जीवन जीने वाले डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम का बचपन बहुत ही सघर्षपूर्ण था। वह बचपन में अख़बार बेचकर स्कूल जाये करते थे।
डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की जिसके अंतरगर्त अलग अलग त्रिसूल, पृथ्वी, आकाश, नाग, अग्नि, और रूस के साथ संयुक्त् रूप से विकसित ब्रह्मोस मिसाइलों के सफल प्रेक्षण ने भारत को उन देशों की सूची में शामिल कर दिया , जो उन्नत प्रौद्योगिकी व शस्त्र प्रणाली से सम्पन्न हैं। विश्व में भारत को एक ‘सुपर पॉवर’ बनाने के लिए उन्होंने 11 मई और 13 मई 1998 को सफल परमाणु परीक्षण किया। परमाणु हथियार के निर्माण की दिशा में इस प्रकार भारत ने एक महत्वपूर्ण सफलता अर्जित की। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम भारतीय इतिहास के एक ऐसे साधारण व्यक्तित्व वाले पुरूष हैं, जिनसे लाखों लोग प्रेरणा ग्रहण करते हैं। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम अपनी उन्नत प्रतिभा एवं साधारण व्यक्तित्व के कारण सभी जाति ,धर्म एवं सम्प्रदायों की नजरों में एक महान आदर्श के रूप में स्वीकार किये जाते है। डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम कई सम्मानों से सुशोभित हुए हैं जिनमें भारत रत्न सम्मान प्रमुख सम्मान है। मेरी प्रथम काव्य पुस्तक "ईश्वर" पृष्ठ संख्या 22 पर अंकित कविता "धर्म" को इस लेख के साथ जोड़ना एक सौभाग्य की बात है।
धर्म प्रिया तस्वीर -ए -शान।
माँ ममता का ईश्वर नाम।।
कथा सुनो तुम चारों धाम।
सुन्दर एक गीता भगवान।।
तुम मुस्लिम भाई कुरान।
पथ पर बढ़ना है आसान।।
भाई चारे का हम समझे ज्ञान।
सपनों की सुन्दर उड़ान।।
दर्द में मसीहा का है नाम।
कुर्बानी बाइबिल की पहचान।।
गुरु ग्रन्थ साहिब का श्याम।
भजन गाओ तुम जय श्रीराम।।
बौद्ध -जैन संग हजारों नाम।
धर्म एक है अच्छा काम।।
प्यारे बच्चों स्वामी विवेकानंद एवं डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम बच्चों ,युवाओं एवं देश के नागरिकों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत है। आप बड़े होकर इस ब्लॉग में दी गयी विद्वानों की विस्तृत जीवनी अवश्य ही पढियेगा। इस लेख में विद्वानों की संंक्षिप्त जीवनी छोटे बच्चों को ध्यान में रखकर तैयार की गयी है। यह लेख बच्चों के लिए अवश्य ही प्रेरणा का कार्य करेगी।
संकलन
ईश्वर तड़ियाल "प्रश्न" (एडमिन /लेखक )
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Behatreen
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