महापुरुषों की संक्षिप्त जीवनी
प्रिय पाठकों / छात्र -छात्राओ ! देश के महान विभूति एवं स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों/ महापुरुषों की संक्षिप्त जीवनी आपके साथ शेयर की जा रही हैै । आशा है कि छात्र -छात्राओ के लिए यह ज्ञानवर्धक सिद्ध होगी।
महापुरुषों की संक्षिप्त जीवनी
महारानी लक्ष्मीबाई
महारानी लक्ष्मीबाई का जन्म एक महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार में सन 1828 में काशी में हुआ था। जिसे अब वाराणसी के नाम से जाना जाता हैं। उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था। लेकिन प्यार से उन्हें मनु कहा जाता था। उनकी माँ का नाम भागीरथीबाई और पिता का नाम मोरोपंत तांबे था। मोरोपंत एक मराठी थे और मराठा बाजीराव की सेवा में थे। रानी लक्ष्मीबाई ने हमारे देश और अपने राज्य झाँसी की स्वतंत्रता के लिए ब्रिटिश राज्य के खिलाफ लड़ने का अदम्य साहस किया और अंत में वीरगति को प्राप्त हुई। सन 1857 में भारतीयों द्वारा किये गये विद्रोह के दौरान ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ उनके युद्ध में प्रदर्शन को बहादुरी, वीरता चंद्रशेखर एवं नारी शक्ति के रूप में हमेशा याद किया जाता है।
भगत सिंह
भारत के सबसे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भगत सिंह भारत देश की महान विभूति है। भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर, 1907 को लायलपुर ज़िले के बंगा में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में है। उनका पैतृक गांव खट्कड़ कलां है, जो पंजाब, भारत में है। 1919 में हुए जलियांवाला बाग हत्याकांड से दुखी होकर महात्मा गाँधी द्वारा चलाए गए असहयोग आन्दोलन का उन्होंने खुलकर समर्थन किया था। भगत सिंह ने सबसे पहले नौजवान भारत सभा ज्वाइन की थी। इसके बाद 1928 में उन्होंने हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन ज्वाइन की। जो कि एक मौलिक पार्टी थी।पार्टी ने 30 अक्टूबर 1928 को भारत में आये साइमन कमीशन का विरोध किया। जिसमें उनके साथ लाला लाजपत राय भी थे। लाहौर रेलवे स्टेशन में “साइमन वापस जाओ” का नारा लगाते हुए उन पर लाठी चार्ज कर दिया गया। जिसमें लाला जी बुरी तरह घायल हुए और फिर उनकी म्रत्यु हो गई। दिसम्बर 1929 को भगत सिंह ने अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ मिलकर ब्रिटिश सरकार की असेंबली हॉल में बम ब्लास्ट किया। इसके साथ ही उन्होंने इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाये। इसके बाद दोनों ने अपने आप को गिरफ्तार कराया। भगत सिंह, शिवराम राजगुरु व सुखदेव पर मुकदमा चला। जिसके बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई, कोर्ट में भी तीनों इंकलाब जिंदाबाद का नारा लगाते रहे। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव को फांसी दे दी गई। शहीद भगत सिंह के बलिदान को व्यर्थ न जाने देने के कारण हर साल उनके मुत्यु तिथि को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। इन दिन उन्हें देश के सभी लोग श्रद्धांजलि देते हैं।
सुखदेव
सुखदेव भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रमुख क्रांतिकारी थे। सुखदेव का जन्म 15 मई 1907 को हुआ था.उनके पिताजी का नाम रामलाल और माताजी का नाम श्रीमती लल्ली देवी था.सुखदेव जे.पी सांडर्स की हत्या में भी शामिल थे.इसमें उन्होंने भगत सिंह और राजगुरु का सहयोग किया था। सुखदेव को 18 दिसम्बर 1928 में लाहौर षड्यंत्र केस में दिए अपने योगदान के लिए भी याद किया जाता हैं. 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु के साथ सुखदेव को भी फांसी दे दी गई। 23 मार्च को भगत सिंह, राजगुरु,सुखदेव उकी शहादत के सम्मान में शहीद दिवस मनाया जाता है।
राजगुरु
शिवराम हरि राजगुरु भारत के महाराष्ट्र राज्य से थे। क्रांतिकारी राजगुरु को सॉन्डर्स की हत्या में दोषी पाते हुए साल 1931 में भगत सिंह, राजगुरु,सुखदेव को एक साथ फांसी दी गई थी। राजगुरु ने साल 1928 में भारत के प्रसिद्ध क्रांतिकारी लाला लाजपत राय की हत्या का बदला अंग्रेजों से लिया था।
चंद्रशेखर आजाद
चंद्रशेखर आजाद का जन्म भाबरा गाँव में एक ब्राह्मण परिवार में 23 जुलाई सन् 1906 को हुआ था। इनके पिता का नाम पण्डित सीताराम तिवारी एवं माता का नाम जगरानी देवी था। कोकरी ट्रेन डकैती और सांडर्स की हत्या में सम्मिलित महान देशभक्त एवं क्रांतिकारी चद्रशेखर आजाद का नाम भारतीय स्वतंत्रता में अहम् योगदान रखता है। 1928 में हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी का गठन चंद्रशेखर आजाद की अगुआई में हुआ। एल्फ्रेड पार्क में पुलिस के साथ गोलीबारी में स्वयं को गोली मारकर 17 फरवरी 1931 को इस महान क्रांतिकारी ने आत्मदाह किया।
बटुकेश्वर दत्त
बटुकेश्वर दत्त का जन्म 18 नवम्बर 1910 को हुआ। 8 अप्रैल 1929 को दिल्ली स्थित केंद्रीय विधानसभा (वर्तमान में संसद भवन) में भगत सिंह के साथ बम विस्फोट कर ब्रिटिश राज्य की तानाशाही का विरोध किया।इन्हें कालापानी की सजा हुई। कालापानी से 1937 में वे बांकीपुर केन्द्रीय कारागार, पटना लाए गए. 1938 में उनकी रिहाई हो गई। इस क्रांतिकारी ने आजादी के बाद भी एक गरीबी एवं गुमनामी जिन्दगी व्यतित की।
गणेशशंकर विद्यार्थी
गणेशशंकर विद्यार्थी का जन्म 26 अक्टूबर, 1890 को प्रयाग में हुआ था।वह एक निडर और निष्पक्ष पत्रकार थे। इसके साथ ही वे एक समाज-सेवी, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनीतिज्ञ भी थे। भारत के 'स्वाधीनता संग्राम' में उनका महत्त्वपूर्ण योगदान रहा था। गणेशशंकर विद्यार्थी एक ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, जो कलम और वाणी के साथ-साथ महात्मा गांधी के अहिंसक समर्थकों और क्रांतिकारियों को समान रूप से देश की आज़ादी में सक्रिय सहयोग प्रदान करते रहे। गणेशशंकर विद्यार्थी की रचनायें 'सरस्वती', 'कर्मयोगी', 'स्वराज्य', 'हितवार्ता' में छपती रहीं। हिन्दी में "शेखचिल्ली की कहानियाँ" आपकी देन है। गणेशशंकर विद्यार्थी की मृत्यु कानपुर के हिन्दू-मुस्लिम दंगे में निस्सहायों को बचाते हुए 25 मार्च सन् 1931 ई. में हो गई।
विनायक दामोदर सावरकर
वीर विनायक दामोदर सावरकर को एक भारतीय राष्ट्रवादी के रूप में आज भी जाना जाता हैं। नासिक जिले के भागलपुर में एक साधारण से हिंदू ब्राह्मण परिवार में 28 मई 1883 को एक महान व्यक्ति ने जन्म लिया था जिनका नाम विनायक दामोदर सावरकर रखा गया। सावरकर ने अपने भाई गणेश के साथ मिलकर “इंडियन कॉउन्सिल एक्ट 1909” (मिंटो- मोर्ली फॉर्म्स) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करना आरंभ किया। 4 जुलाई 1911 में अंडमान निकोबार द्वीप समूह काला पानी की सजा के तौर पर सेल्यूलर जेल में बंद कर दिया। जेल में रहकर भी उन्होंने अपने हिंदुत्व को पूरे देश में फैला दिया थावीर सावरकर 6 जनवरी 1924 को काला पानी की सजा से रिहा हो गए, जिसके बाद उन्होंने भारत में रत्नागिरी हिंदू सभा के निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अपने उपवास का पालन करते करते हुए अपने मुंबई निवास पर 26 फरवरी 1966 में उन्होंने अंतिम सांस ली।
मंगल पाण्डेय मंगल
पाण्डेय एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने 1857 में भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अमर शहीद मंगल पांडे का जन्म 19 जुलाई 1827 को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा में एक ब्रह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम दिवाकर पांडे और माता का नाम अभय रानी था। मंगल पाण्डेय सुअर और गाय के मांस से बने कारतूस को मुँह से काटकर प्रयोग करने से इंकार कर दिया। मंगल पाण्डेय ने अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह कर दिया। 29 मार्च 1857 को उन्हें सेना से निकाल दिया गया। 6 अप्रैल 1857 को उनका कोर्ट मार्शल किया गया और 8 अप्रैल को उन्हें फांसी दे दी गई। 1857 की क्रांति भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम था। जिसकी शुरुआत मंगल पांडे के विद्रोह से शुरू हुआ था। मंगल पाण्डेय पहले स्वतंत्रता सैनानी थे। मंगल पाण्डेय-दी रायसिंग स्टार नाम से 2005 में बनी हिंदी फिल्म में बॉलीवुड स्टार आमिर खान ने उनका किरदार निभाया।
मोहनदास करमचन्द गांधी
मोहनदास करमचन्द गान्धी का जन्म पश्चिमी भारत में वर्तमान गुजरात के एक तटीय नगर पोरबंदर नामक स्थान पर 2 अक्टूबर 1869 को हुआ। जिन्हें महात्मा गांधी के नाम से भी जाना जाता है। भारत एवं भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे। वे सत्याग्रह के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे। उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी। जिसने भारत को भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम दिलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया। गाँधी जी ने ब्रिटिश सरकार द्वारा भारतीयों पर लगाये गये लवण कर के विरोध में 1930 में नमक सत्याग्रह और इसके बाद 1942 में अंग्रेजो भारत छोड़ो आन्दोलन से विशेष विख्याति प्राप्त की। गांधी जी ने अपना जीवन सत्य, या सच्चाई की व्यापक खोज में समर्पित कर दिया। प्रति वर्ष 2 अक्टूबर को उनका जन्म दिन भारत में गांधी जयन्ती के रूप में और पूरे विश्व में अन्तरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में मनाया जाता है।
भीमराव रामजी आंबेडकर
डॉ॰ भीमराव आंबेडकर का जन्म आंबेडकर 14 अप्रैल को महू सूबेदार रामजी शकपाळ एवं भीमाबाई की चौदवीं संतान के रूप में हुआ था। उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। डॉ॰ भीमराव आंबेडकरभारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मन्त्री, भारतीय संविधान के जनक एवं भारत गणराज्य के निर्माताओं में से एक थे।1990 में, आंबेडकर को मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
सुभाष चन्द्र बोस
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कटक (उड़ीसा) में जानकीनाथ बोस और प्रभाती देवी के यहाँ हुआ था. सुभाष आठ भाइयों और छह बहनों के बीच नौवीं संतान थे. वह वह भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के अग्रणी तथा सबसे बड़े नेता थे। द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान, अंग्रेज़ों के खिलाफ लड़ने के लिए, उन्होंने जापान के सहयोग से आज़ाद हिन्द फ़ौज का गठन किया था। उनके द्वारा दिया गया जय हिन्द का नारा भारत का राष्ट्रीय नारा बन गया है। "तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा" का नारा भी उनका था जो उस समय अत्यधिक प्रचलन में आया।भारतवासी उन्हें नेता जी के नाम से सम्बोधित करते हैं।
राम प्रसाद 'बिस्मिल'
राम प्रसाद 'बिस्मिल भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की क्रान्तिकारी धारा के एक प्रमुख सेनानी थे, जिन्हें 30 वर्ष की आयु में ब्रिटिश सरकार ने फाँसी दे दी। वे मैनपुरी षड्यन्त्र व काकोरी-काण्ड जैसी कई घटनाओं में शामिल थे तथा हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन के सदस्य भी थे।
पंडित गणेशशंकर
पंडित गणेशशंकर का जन्म 14, रविवार 1890 को अपनी ननिहाल, इलाहाबाद के अतरसुइया मोहल्ले में श्रीवास्तव परिवार में हुआ। मुंशी जयस्थ हथगाँव, जिला फतेहपुर (उत्तर प्रदेश) के निवासी थे। माता का नाम गोमतीदेवी था। हिंदी भाषा के समाचार पत्र, प्रताप के संस्थापक-संपादक के रूप में जाने जाते हैं।
अन्य
शीघ्र ही अन्य विभूतियो की संक्षिप्त जीवनी इस पोस्ट में उपलब्ध होगी ।
1 टिप्पणियाँ
सार्थक प्रयास
जवाब देंहटाएंआपको पोस्ट कैसी लगी , अपने सुझाव अवश्य दर्ज करें।